Shodashi No Further a Mystery
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The facility place in the middle of the Chakra shows the very best, the invisible, and the elusive Centre from which your entire determine Bhandasura and cosmos have emerged.
नवयौवनशोभाढ्यां वन्दे त्रिपुरसुन्दरीम् ॥९॥
हस्ते पङ्केरुहाभे सरससरसिजं बिभ्रती लोकमाता
The essence of those rituals lies inside the purity of intention along with the depth of devotion. It's not at all merely the exterior actions but the internal surrender and prayer that invoke the divine existence of Tripura Sundari.
When the Devi (the Goddess) is worshipped in Shreecharka, it is claimed to be the very best method of worship of your goddess. There are actually 64 Charkas that Lord Shiva gave for the humans, together with diverse Mantras and Tantras. These were given so that the humans could target attaining spiritual Advantages.
ह्रींमन्त्राराध्यदेवीं श्रुतिशतशिखरैर्मृग्यमाणां मृगाक्षीम् ।
षोडशी महाविद्या प्रत्येक प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने में समर्थ हैं। मुख्यतः सुंदरता तथा यौवन से घनिष्ठ सम्बन्ध होने के परिणामस्वरूप मोहित कार्य और यौवन स्थाई रखने हेतु इनकी साधना अति उत्तम मानी जाती हैं। त्रिपुर सुंदरी महाविद्या संपत्ति, समृद्धि दात्री, “श्री शक्ति” के नाम से भी जानी जाती है। इन्हीं देवी की आराधना कर कमला नाम से विख्यात दसवीं महाविद्या धन, सुख तथा समृद्धि की देवी महालक्ष्मी है। षोडशी देवी का घनिष्ठ सम्बन्ध अलौकिक शक्तियों से हैं जोकि समस्त प्रकार की दिव्य, अलौकिक तंत्र तथा मंत्र शक्तियों की देवी अधिष्ठात्री मानी जाती हैं। तंत्रो में उल्लेखित मारण, मोहन, वशीकरण, उच्चाटन, स्तम्भन इत्यादि जादुई शक्ति षोडशी देवी की कृपा के बिना पूर्ण नहीं more info होती हैं।- षोडशी महाविद्या
संरक्षार्थमुपागताऽभिरसकृन्नित्याभिधाभिर्मुदा ।
रविताक्ष्येन्दुकन्दर्पैः शङ्करानलविष्णुभिः ॥३॥
Thus, the Shodashi mantra is chanted to produce a single a great deal more eye-catching and hypnotic in life. This mantra can adjust your life in days as this is a very potent mantra. One who has mastered this mantra will become like God Indra in his life.
यह देवी अत्यंत सुन्दर रूप वाली सोलह वर्षीय युवती के रूप में विद्यमान हैं। जो तीनों लोकों (स्वर्ग, पाताल तथा पृथ्वी) में सर्वाधिक सुन्दर, मनोहर, चिर यौवन वाली हैं। जो आज भी यौवनावस्था धारण किये हुए है, तथा सोलह कला से पूर्ण सम्पन्न है। सोलह अंक जोकि पूर्णतः का प्रतीक है। सोलह की संख्या में प्रत्येक तत्व पूर्ण माना जाता हैं।
संकष्टहर या संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत विधि – sankashti ganesh chaturthi
वन्दे वाग्देवतां ध्यात्वा देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥१॥
प्रासाद उत्सर्ग विधि – प्राण प्रतिष्ठा विधि